31+ New Best First Class Moral Stories In Hindi | You Must Read |
25 नई हिन्दी मॉरल कहानियाँ -31+ New Best First Class Moral Stories In Hindi | You Must Read |
This 25 new moral stories in hindi बच्चों की मजेदार कहानियाँ read full stories in hindi moral and we have moral stories in hindi for kids so enjoy these hindi kids stories
MORAL STORY IN HINDI
1 . घमंडी बकरियां Goat story - moral story in hindi
एक दिन की बात है एक बकरी नदी के किनारे घास खा रही थी तभी उसे नदी के उस पार घास पर नजर पड़ी लेकिन अब उसके लिए चुनौती थी कि वह पार जाए कैसे तभी उसे एक गिरा हुआ पेड़ दिखाई दिया जो कि सीधा पानी के बीच में था जिस पर चढ़कर वह नदी पार कर सकती थी। बकरी नदी को पार करने के लिए उस लकड़ी पर चढ़ी लेकिन जैसे ही उसने पहला कदम रखा तो उसने देखा दूसरी तरफ एक और बकरी खड़ी थी ।
उन दोनों में बहस हो गई कि पहले मुझे जाने दो लेकिन कोई भी पीछे नहीं हट रहा था । दो बकरियां नदी को पार करना चाहती थी लेकिन अपने घमंड की वजह से वह किसी को जगह नहीं देना चाहती थी । पहली बकरी सोचने लग गई और उसे अपने दादाजी की वह बात याद आ गई कि कभी घमंड नहीं करना चाहिए और उसने कहा कि यह लड़ने का वक्त नहीं है मैं मैं झुक जाती हूं और तुम मेरे ऊपर से छलांग मारकर चले जाना दूसरी बकरी पहली बकरी के ऊपर से कूदकर पार चली गई
Moral of the story - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कोई भी काम करने से पहले एक बार जरूर सोच ले
2. बेवकूफ तोता - parrot story - story in hindi with moral
एक व्यापारी के पास एक बहुत ही प्यारा तोता था जो भी कुछ देखता और सुनता उसे वह याद रखता था, व्यापारी की एक नौकरानी थी जिसका नाम माला तथा माला ने एक दिन कीमती थाली चुराई.और तोते ने देख लिया , व्यापारी घर आता है और उस नौकरानी से पूछता है कि थाली गायब है क्या तुमने कहीं देखी ? जी नहीं मालिक मैंने नहीं देखी लेकिन तोते ने माला को चुराते हुए देखा था और कहने लगा मैंने माला को थाली चुराते हुए देखा है लेकिन वह कहने लागि कि मैंने थाली नहीं चुराई तोता झूठ बोल रहा है मैं यह साबित कर सकती हूं ।
अगले दिन माला ने तोते की सर के ऊपर थाली बजाई और पानी के छींटे लगाए और तोते ने सोचा कि बारिश हो रही है जब व्यापारी घर आया तो उसने पूछा कि आज तुमने क्या क्या देखा तो तोता कहने लगा कि मालिक आज बारिश थी जिसकी वजह से मैं कुछ नहीं देख पाया लेकिन व्यापारी कहने लगा आज तो बारिश थी ही नहीं ? इस तरह से माला ने व्यापारी और तोते को बेवकूफ बना दिया और व्यापारी ने तोते को घर से बाहर निकाल दिया
Moral of the story - जल्दबाजी में कोई भी निर्णय मत लीजिए
3. प्यासा कौवा - crow moral story in hindi
गर्मियों के दिनों में एक प्यासा कौवा पानी की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था गर्मी से उसका बुरा हाल हो रखा था उसने सोचा अगर उसे पानी नहीं मिला तो वह मर जाएगा लेकिन उसकी नजर एक पेड़ के नीचे पड़े मटके पर पड़ी मटका देखते ही वह अत्यंत खुश हुआ परंतु जैसे ही उसने मटके में देखा तो बहुत निराश हुआ क्योंकि मटके में पानी बहुत कम था और उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुंच रही थी वह मायूस होकर सोचने लगा और तुरंत उसकी नजर पास पड़े कंकड़ के ऊपर पड़ी वह बहुत खुश हुआ ।
कौवा फुर्ती से कंकड़ मटके में डालने लगा थोड़ी देर बाद ही पानी ऊपर आ गया और पानी पीकर प्यासे कौए ने अपनी प्यास बुझा ली
Moral of the story - सूझबूझ से आप अगर मेहनत करेंगे तो आप सब कुछ पा सकते हो और आपकी सभी परेशानियों का हल आपको मिल जाएगा
4. नकलची मेंढक - frog story - story for kids in hindi with moral
एक तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे उनमें से एक मेंढक बहुत शरारती था वह जिसे देखकर वह वैसा ही बनने की कोशिश करता उसने एक दिन एक बैल को तालाब में पानी पीते देखा और सोचने लगा कि यह बहुत बड़ा और ताकतवर है मैं भी ऐसा ही बनूंगा । मोटा होने के लिए मेंढक ने जोर-जोर से अपने अंदर हवा भरने शुरू कर दी और गुबारे की तरह फूल गया । उसने अपने मित्रों से पूछा कि क्या मैं बैल जैसा लग रहा हूं ? मित्र बोले नहीं अभी थोड़ी हवा और भरो अपने अंदर उसने फिर हवा भारी फिर मित्रों से पूछा कि वह जैसा बड़ा हुआ कि नहीं वह बोले अभी थोड़ी और भरो अबकी बार पहले से बहुत अधिक भूल गया था उसने फिर से अपने अंदर हवा भरने शुरू कर दी थोड़ी ही देर में उसका पेट गुब्बारे की तरह फट गया और वही मर गया
Moral of the story - हमें कभी भी दूसरों की तरह बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए
5. बदसूरती - small story in hindi with moral
एक जंगल में अन्य सभी वृक्ष तो सुंदर व सीधे खड़े हुए थे लेकिन एक वृक्ष ऐसा था जो पूरी तरह से टेढ़ा था और उसकी शाखाएं भी टेढ़ी थी । इसलिए वह कुबड़ा वृक्ष कहलाता था । टेढ़ा होने के कारण राहगीर भए उसकी छाया के नीचे नहे में बैठते थे और ना ही पक्षी उस पर घोंसला बनाते थे जबकि अन्य वृक्षों का सभी उपयोग करते थे
अपने प्रति लोगों का ऐसा व्यवहार देखकर कुबड़े वृक्ष को दुख होता था व अन्य वृक्षों को देखकर सोचा करता मेरे भाई बंधु कितने सुंदर हैं काश में भी ऐसा ही होता है ईश्वर ने मेरे साथ पक्षपात किया है । एक दिन उसी जंगल में एक लकड़हारा आया टेढ़ी वृक्ष को देखकर वह मन ही मन बोला यह पेड़ तो मेरे लिए बेकार है लकड़हारे ने सुंदर व तने हुए पक्षों को ही पसंद किया और देखते-देखते उन्हें काट कर जमीन पर डाल दिया ।
यह देखकर उस पेड़ की आंखें खुल गई वह सोचने लगा कि अच्छा ही हुआ जो ईश्वर ने मुझे ऐसा नहीं बनाया यदि मैं भी इनकी तरह सुंदर और सीधा होता आज मेरा भी जीवन समाप्त हो जाता । ईश्वर से क्षमा याचना करते हुए कहने लगा हे ईश्वर मैंने आप के विषय में ना जाने क्या क्या उल्टा सीधा कह दिया आप मुझ को क्षमा करें आप जो कुछ करते हैं अच्छा ही करते हैं आपके किये मे ही सबका हित है आप सबके भले बुरे को जानते हैं
small story in hindi with moral कहानी का सार - ईश्वर जो कुछ भी करता है अच्छा ही करता है उसकी करनी में खोट निकालना ठीक नहीं यह ठीक है कि कुबड़ा वृक्ष अपनी बदसूरती पर ना खुश था लेकिन जब उसने सीधे सुंदर वृक्षों का हश्र देखा तो अपनी बदसूरती ही उसे खूबसूरती लगने लगे याद रखें ईश्वर की संरचना सुंदर केवल सुंदर ही होती है
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6. भेड़ और भेड़िया - story with moral in hindi
एक बार एक लड़का भेड़े चलाया करता था वह हमेशा अपनी बहनों को जंगल में चराने के लिए ले जाता था वह पूरा दिन जंगल में होता था इसलिए उसका मन घर नहीं लगता था एक दिन उसे मजाक करने की सूझी और वह जोर जोर से चिल्लाने लगा । बचाओ बचाओ भेड़िया आया भेड़िया आया आसपास के खेत में किसान काम कर रहे थे जब उन्होंने ऐसा सुना तो उन्होंने अपना काम छोड़कर लड़के की ओर भागे जब वह लड़के के पास पहुंचे तो वहाँ सिर्फ भेड़े ही थी जब उन्होंने लड़के से पूछा कहां है भेड़िया तो लड़के ने कहा मैं तो मजाक कर रहा था कोई भेड़िया नहीं आया जाओ आप लोग अपना काम करो !
लोगों ने उस लड़के को खूब डांटा इसके बाद लड़के ने कई बार इस तरह का मजाक किया और आसपास के लोगों को परेशान किया कुछ समय बाद एक दिन सचमुच भेड़िया वह जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया और चिल्लाने लगा बचाओ बचाओ भेड़िया आया पर इस बार लोगों ने सोचा कि लड़का झूठ बोल रहा है भेड़िए ने उसकी भेड़ों को मार दिया । यह देखकर लड़के को अपनी गलती का एहसास हुआ उसने सोचा कि कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए
Moral of the story - कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए
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7. तीन बकरियां - A moral story in hindi
एक समय की बात है एक बकरी थी वह अपने गांव में बहुत खुशी से रहती थे वह बहुत ही मिलनसार थी उसकी बहुत सारी सहेलियां थी उसकी किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी वह हर किसी से बात कर लेती थी और हर किसी को अपना दोस्त मान लेती थी । एक दिन बकरी बीमार पड़ गई और अब वह अपना पूरा पूरा दिन घर पर ही बिताने लगी ।
बकरी ने अपने लिए खाना पहले से ही जमा करके रखा था अब वह भी खत्म होता जा रहा था एक दिन उसकी कुछ बकरियां सहेलियां उसका हालचाल पूछने आई तब यह बकरी बड़ी खुशी हुई और उसने सोचा कि अपनी सहेलियों से वह कुछ दिनों के लिए और खाना मंगवा लेगी लेकिन वह सारी बकरियां उसका घास देखकर उसके घास को खाने लगे यह देखकर उस बकरी को बहुत बुरा लगा और समझ में आ गया कि उसने अपने जीवन में क्या गलती की उसने सोचा कि काश मैंने हर किसी को अपनी जिंदगी का हिस्सा ना दिया होता काश उन्हें थोड़ा परख लिया होता
Moral of the story - हमें अपनी जिंदगी में दोस्त बड़े ही सोच समझकर और पढ़कर बनाने चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
8. लालची दूधवाला - short story in hindi with moral
एक छोटे से गांव में एक दूधवाला रहता था वह बहुत ही लालची था वह हर रोज नदी पार करके शहर में अपने ग्राहकों को दूध बेचता था । शहर जाते समय वह नदी का पानी अपने दूध में मिला देता था और अपने ग्राहकों को बेचता था और बहुत सारे पैसे कमाता था देखते ही देखते वह अमीर आदमी बन गया ।
एक दिन वह अपने बेटे की शादी मनाने के लिए गांव में सबसे पैसे लेने गया पैसा इकट्ठे होने के बाद उसने उन पैसों से नए कपड़े और गहने खरीदे शहर से लौटते समय उसकी नाव पत्थर से टकराई और उल्टी हो गई उसने देखा कि उसके सारे नए कपड़े और गहने पानी में डूब गए यह देखकर बेचारा बहुत ही उदास हुआ और रोने लगा सब अचानक पानी में से आवाज आई रोते क्यों हो जो भी तुमने गवाया है वह तुमने बेईमानी से तो कम आया था यह सुनकर दूध वाले को अपनी गलती का एहसास हुआ
moral of the story - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच एक बुरी चीज है कभी भी लालच नहीं करना चाहिए
बिल्लियाँ रहती थी वह आपस में मेल में रहती थी उन्हें जो कुछ मिलता था वह आपस में बैठकर खाया करती थी एक दिन उन्हें एक रोटी मिली उसे बराबर बराबर बांटते समय उनमें झगड़ा हो गया एक कहती थी तुम्हारी रोटी का टुकड़ा बड़ा है दूसरी कहती मेरी रोटी का टुकड़ा बड़ा नहीं है । जब वापस में बटवारा नहीं कर सकी तो बंदर के पास के उन्होंने बंदर को अपना सरपंच बनाया
बंदर ने एक तराजू मंगाया और रोटी के टुकड़े 1-1 पलड़े में रख दिए ,जिस रोटी का भाग थोड़ा सा छोटा हो गया उससे थोड़ी रोटी खा लेता था इस प्रकार दोनों से थोड़ी थोड़ी रोटी खाकर बार-बार खाने लगा । रोटी के दोनों भाग बंदर ने खा लिए तो थोड़ी सी रोटी बची तो बिल्लियों ने बंदर से कहा कि अब आप कष्ट ना करें हम लोग आपस में ही बटवारा कर लेंगे
बंदर बोला मैंने इतना परिश्रम किया है मुझे भी तो कुछ मजदूरी चाहिए यह कहकर दोनों बच्चे टुकड़े उसने मुंह में भर लिया और बिल्लियों को डरा कर भाग गया दोनों बिल्लियाँ बहुत पछताई और कहने लगी आपस की फूट बहुत बुरी है
Moral of the story - अगर हम आपस में फूट डालेंगे तो कोई तीसरा बीच में आकर हमारा फायदा लेकर चला जाएगा
MORAL STORY IN HINDI |
10. बंदर और मगरमच्छ - monkey and crocodile story in hindi - best story in hindi with moral
नदी के किनारे एक जामुन का पेड़ था पेड़ पर एक बंदर रहता था । उसकी दोस्ती नदी में रहने वाले एक मगरमच्छ से हो गई । मगरमच्छ की पीठ बैठकर बंदर सैर करता और उसकी पत्नी के लिए भी जामुन भेजता जामुन खा कर मगरमच्छ की पत्नी की इच्छा बंदर का कलेजा खाने की हुई उसने मगरमच्छ को कहकर बंदर को अपने घर पर बुलाया घर जाते बंदर को सब बता दिया कि उसकी पत्नी बंदर का कलेजा खाना चाहती है
यह सुनकर समझ गया और उसने चालाकी ससे कहा मैं तो अपना कलेजा पेड़ पर ही छोड़ आया हूं इसलिए जल्दी से मुझे ले चलो और बंदर पेड़ के पास पहुंच गया और उसकी जान बच गई
Moral of the story - बुरी परिस्थितियों में भी हमें ध्यान से सोचना चाहिए और अपना आपा नहीं खोना चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
11. तीन मछलियां - fish story in hindi - short moral story in hindi
एक तालाब में तीन बड़ी मछलियां रहती थी एक मछली बुद्धिमान रहती थी दूसरी मछली चतुर और दूसरी मछली उपाय कुशल थी तीसरी मछली हमेशा भाग्य पर भरोसा करती थी बुद्धिमान मछली पानी में चल रही थी तब उसने दो मछुआरों की बातें सुनी एक मछुआरा दूसरे से कह रहा था इस तालाब में मछलियां हैं हम कल आ कर इन्हें पकड़ेंगे और पैसा कमाएंगे । इस बुद्धिमान मछली ने यह बात सुन ली औरबाकी दो मछलियों को वहां से चले जाने की सलाह दी चतुर मछली वहां से दूसरी जगह जाने के लिए तैयार नहीं हुई उसने कहा आने दो मछुआरों को मैं उनसे बच जाऊंगी तीसरी मछली ने कहा मैं यहीं पैदा हुई मैं इस जगह को छोड़कर नहीं जा सकती जो भी मेरे भाग्य में लिखा है वही होगा ।
पहली मछली उस जगह को छोड़कर चली गई दूसरे दिन मछुआरे आए और अपना जाल बिछाया जो मछलियां तालाब में थी वह जाल फस गई लेकिन चालाक मछली में मर जाने का नाटक किया मछुआरों ने उसे मरा हुआ मछली समझ कर फेंक डाला दूसरी तरफ मछली जो भाग्य पर भरोसा करती थी वह उछलती और कूदती और मछुआरों ने उसे मार डाला
मोरल ऑफ द स्टोरी - कभी भी भाग्य पर भरोसा नहीं करना चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
12. सोने के अंडे देने वाली मुर्गी - hen story in hindi - short story in hindi moral
एक गांव में एक किसान रहता था वह बेचारा बहुत ही गरीब था एक दिन वह किसी पेड़ के नीचे बैठकर विश्राम कर रहा था उसके दिन बहुत मुश्किल से कट रहे थे 1 दिन किसान के दोस्त ने उसे एक मुर्गी थी वह मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देने लगी किसान रोज एक सोने का यंदा भेजता और खूब पैसे कमाता था देखते ही देखते किसान एक अमीर आदमी बन गया गांव के सभी लोग किसान को आदर से देखने लगे और किसान लालची होता जा रहा था
एक दिन किसान ने सोचा कि यह मुर्गी अगर एक दिन में एक सोने का अंडा देती है तो उसके पेट में तो कितने सारे अंडे होंगे अगर वह सारे अंडे उसे एक ही दिन में मिल जाए तो वह मुर्गी के पेट को काट देता है और देखता है कि मुर्गी के पेट में एक भी अंडा नहीं है और मुर्गी भी मर गई बेचारा किसान
मोरल ऑफ द स्टोरी - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच बुरी बात है
MORAL STORY IN HINDI |
13. आदमी लड़का और एक गधा - a donkey story in hindi - short story in hindi with moral values
एक बार एक आदमी और उसका बेटा अपने गधे के साथ पशु मेले में जा रहे थे जब भी अपने रास्ते में जा रहे थे तो उन्हे गांव में एक आदमी मिला और बोला तुम गधों पर क्यों नहीं सवार होते इसलिए आदमी ने लड़के को गधे पर बिठा दिया और वे अपने रास्ते पर चल दिए । जल्दी रास्ते में 1 आदमियों के झुंड से मिले और वह कहने लगे कि वह देखो खुद तो गधे पर सवार है और अपने पिता को पैदल चला रहा है ।
इसलिए आदमी ने अपने बेटे को गधे से उतार दिया और खुद गधे पर सवार हो गया अभी ज्यादा दूर नहीं गए थे कि उन्हें 2 औरतें मिली उनमें से एक दूसरे से कहा अरे उस आलसी आदमी को तो देखो अपने बेचारे बेटे को पैदल चला रहा है और खुद गधे पर बैठा है आदमी फिर से अपने बेटे को चढ़ा देता है
मोरल ऑफ द स्टोरी - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
14. चतुर बकरा - clever goat story in hindi - latest short story in hindi
एक दिन एक भूखा भेड़िया खाने की तलाश में जंगल में भटक रहा था । उसने एक पेड़ के पास एक हरी भरी घास की जमीन देखी वहां उसने देखा कि एक बड़ा और मोटा बकरा घास खा रहा था भेड़िया उसकी और बड़ा लेकिन बकरा सावधान था उसने भेड़िये की तरफ देख कर कहा तुम तो बहुत कमजोर और भूखे लगते हो मुझे खुशी होगी कि तुम मुझे अपना भोजन बना लो यह सुनते ही भेड़िए को आश्चर्य हुआ कहने लगा कि तुम तो बहुत दयालु हो
बकरे ने कहा कि तुम मुझे खाओगे कैसे मैं तो बहुत बड़ा हूं एक काम करो तुम अपना मुंह खोलो और मैं पहाड़ के ऊपर चढ़कर वहां से भागकर तुम्हारे मुंह में छलांग कर घुस जाऊंगा फिर तुम मुझे पूरा कहा लेना । बकरा पहाड़ पर चढ़ गया वहां से वह् तेज गति से भेड़िए की और दौड़ने लगा बकरे ने भेड़िए के ऊपर तेज वार किया भेड़िया बेहोश होकर गिर गया और बकरा वह तो अपनी जान बचाने के लिए वहां से तेजी से भाग गया
मोरल ऑफ द स्टोरी - सही समय पर बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
15. लालची बाईमान बत्तख - duck hindi story - short story with moral in hindi
एक बार नदी के किनारे एक लालची बत्तख रहा करता था वह बहुत ही लालची था और बहुत ही आलसी था वह नदी के किनारे जाता और वहां मछलियों को खा जाता लेकिन अब वह बूढ़ा होता जा रहा था और उसमें इतनी शक्ति नहीं थी कि वह नदी में जाकर मछलियों का शिकार करके अपना भोजन बना सके तो उसने एक तरकीब सोची, वह नदी के पास गया और वहां उसने एक केंकड़े को बुलाया और उससे कहा कि मैंने गांव वालों को बात करते सुना है और वह कह रहे हैं कि इस तालाब को बहुत ही जल्दी उखाड़ देंगे और यहां पर जमीन बनाएंगे तो अच्छा होगा कि तुम सभी यहां से चले जाओ और कहीं और अपना घर बनाओ
लेकिन केकड़ा बत्तख से पूछता है कि हम जाएं कैसे तो वह कहता है कि मैं आपकी मदद करूंगा मैं आपको उड़ा कर वहां ले जाऊंगा आप मेरी पीठ पर बैठ जाना । वह यह बात सभी अपने तालाब के साथियों को बताता है और सब राजी हो जाते हैं केकड़ा रोज अपनी पीठ पर कुछ मछलियों को ले जाता और अपने घोसले में जाकर उन्हें खा जाता ऐसे ही करते उसे बहुत दिन हुए अब केकड़े की बारी थी । केंकड़ा भी उसकी पीठ पर बैठ गया और उसे लेकर उड़ गया बहुत देर हुई तो केकड़े ने पूछा कि मेरे बाकी दोस्त कहां है अब कितनी दूर है तो वह कहता है कि मैं मूर्ख थोड़ी ना हूं जो तुम्हारे दोस्तों को किसी और जगह ले जाऊंगा मैं उन्हें अपना खाना बनाता था।
यह बात सुनकर तेरे को गुस्सा आया और उसने को काट लिया और बत्तख की जमीन पर गिरने से मौत हो गई
मोरल ऑफ द स्टोरी - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें जिंदगी में कभी भी आलसी नहीं बनना चाहिए और कभी किसी से झूठ बोलकर धोखा नहीं देना चाहिए
MORAL STORY IN HINDI |
16. लोमड़ी और बकरी - fox hindi story - panchtantra story in hindi with moral
एक दिन एक धूर्त गीदड़ जंगल में घूम रहा था वह अपने ख्यालों में खोया हुआ था अचानक वह कुएं में गिर गया वह काफी देर तक कुएं से बाहर आने की कोशिश करता रहा पर वह बाहर नहीं आ पाया धूर्त गीदड़ मौके का इंतजार करने लगा कुछ समय बाद एक बकरी अपनी प्यास बुझाने के लिए कुएं के पास आई । गीदड़ को पानी में देखकर बकरी ने सोचा की गीदड़ जरूर अपनी प्यास बुझाने कुएं में आया है उसने गीदड़ से आग्रह करते हुए कहा कि क्या आप मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी दे सकते हैं
गीदड़ ने जवाब दिया इस पानी के जैसा मीठा पानी मैंने आज तक नहीं पिया है अगर तुम्हें भी इसका आनंद उठाना है तो नीचे आकर इसका स्वाद लो प्यासी बकरी कुएं में तुरंत प्यास बुझाने के लिए कूद पड़ी पल भर गीदड़ झट से बकरी के सर के ऊपर पैर रखकर कुएं से कूदकर बाहर चला जाता है बेवकूफ बकरी को अपनी नासमझी का एहसास होता है वह मदद के लिए गीदड़ से गिड़गिड़ाती है पर वह कहता है तुम इतनी बेवकूफ हो कि कूदने से पहले सोचा भी नहीं था कैसे तुम कुएं सेसे बाहर निकलोगे ?
मोरल ऑफ द स्टोरी - कोई भी कार्य बिना सोचे मत कीजिए
MORAL STORY IN HINDI |
17. चींटी और टिड्डा - aunt story hindi - moral story in hindi with picture
एक बार एक जंगल में एक चींटी और एक टिड्डा था गर्मियों के दिनों में टिड्डा बहुत ही खुश और नाच रहा था वहां से एक चींटी गुजर रही थी खाना लेकर टिड्डे ने कहा कि तुम खाना कहां लेकर जा रही हो तो चींटी ने कहा कि मैं बरसात के मौसम के लिए खाना इकट्ठा कर रही हूं तो टिड्डा कहता है कि अभी बरसात बहुत दूर है । कुछ समय बाद बरसात आ गई और टिड्डे के पास खाने के लिए कुछ नहीं था वह चींटी के पास गया वह बहुत ही भूखा था चीटी ने उसे अपने पास बुलाया और उसे खाना दिया और कहा कि जब मैंने तुम्हें कहा था कि बरसात के मौसम के लिए खाना इकट्ठा कर लो तो तुमने कहा था अभी बहुत समय है अगर तुमने तभी खाना इकट्ठा कर लिया होता तो आज यह नोबत नहीं आती
मोरल ऑफ द स्टोरी - अपने काम को हमेशा समय से पहले करें वरना आपको पछताना पड़ सकता है
MORAL STORY IN HINDI |
18. लालची कुत्ता - greedy dog story - short story with moral value in hindi
टाइगर नाम का एक लालची कुत्ता था वह एक बड़े शहर में रहता था उसे हड्डियां खाना बहुत अच्छा लगता है एक दिन वह सीधी जा रहा था रास्ते में एक हड्डी मिली, टाइगर उसे मुंह में लेकर खुशी जताई और अपने घर की ओर चल पड़ा क्योंकि उसे अपना प्रिय भोजन जो मिल गया था रास्ते में जब पल पार कर रहा था तो उसने नदी में एक और कुत्ता दिखा जिसके मुंह में भी एक हड्डी थी । टाइगर का लालच और भी बढ़ गया और वह हड्डी को लेने की तरकीब सोचने लगा ।
उसने सोचा कि वह डरा कर कर उस कुत्ते से हड्डी छीन लेगा और उसे भगा देगा लेकिन जैसे ही भोकने के लिए टाइगर ने अपना मुंह खोला उसका हड्डी का टुकड़ा पानी में गिर गया बेचारा टाइगर लालच में भूल गया कि वह पानी में अपनी ही परछाई देख रहा था और उसे भूखे ही घर जाना पड़ा
मोरल ऑफ द स्टोरी - जो है उसी में खुश रहो
MORAL STORY IN HINDI |
19. खरगोश और कछुआ - rabbit and tortoise story in hindi
एक दिन खरगोश और कछुए ने अपने बीच दौड़ लगाने की सूची जंगल के सारे जानवर इस दौड़ को देखने के लिए इकट्ठा हुए और बंदर ने गोली चलाकर दौड़ की शुरुआत की खरगोश भागने लगा और कछुए को बहुत पीछे छोड़ा आया उसने सोचा कि इस दौड़ को मैं ही जीत लूंगा इसलिए वह कछुए को पीछे छोड़ आया कछुए के आने तक आराम कर लेता हूं फिर वह हरे नरम घास पर लेट गया और उसे गहरी नींद आ गई कछुआ धीरे-धीरे चलकर खरगोश को पार कर गया जब खरगोश की आंखें खुली तो उसने देखा कछुआ दौड़ जीत चुका है
मोरल ऑफ द स्टोरी - झूठा अभिमान घातक होता है
MORAL STORY IN HINDI |
20. कबूतर और कौवा - crow and peacock story in hindi - short story in hindi language with moral
एक जंगल में एक मोर रहता था उसे अपने खूबसूरत पंखों पर बहुत घमंड था एक दिन उसे एक कौवा मिला और वह कौवे से कहने लगा कि तुम्हारे पंख कितने बच्चे हैं और मेरे पंख कितने सुंदर हैं कव्वे ने कुछ नहीं कहा । मोर ने अपने पंख खोल दिए और वह नाचने लगा लेकिन उसको कौए ने कुछ नहीं कहा फिर वहां एक शिकारी आया और कौआ वहां से भाग गया पर वह मोर वहां से भाग नहीं पाया और शिकारी उस मोर को पकड़कर उसे वहां से ले गया
moral of the story : कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए
21 . आलसी राहुल - moral story in hindi with picture
22. नटखट गोलू - New moral story in hindi
23. चतुर बकरी।- moral story in hindi
MORAL STORY IN HINDI |
24. समय कीमती है - TIME MORAL STORY IN HINDI
अर्जुन नाम का लड़का एक अपने घर में रहता था वह बहुत ही आलसी और हर समय अपना बर्बाद करता रहता था वह हमेशा ही सोता रहता था और समय पर कहीं भी नहीं जाता और ना ही समय पर कोई काम करता है 1 दिन अर्जुन के पिता जी ने उसे बुलाया और उसे समझाया कितुम अपना समय बर्बाद मत करा करो समय की कदर करो अर्जुन नहीं समझता था और किसी की भी नहीं सुनता था
एक बार अर्जुन ने स्कूल में संगीत प्रतियोगिता जीती इसका इनाम लेने अर्जुन फिर से समय पर नहीं आया और समय से निर्धारित 1 दिन लेट गया अगले दिन के बाद तो नहीं नाम लेने जाता है तो अध्यापकों से एक टिकट देता है जिसमें एक सर्कस का शो था जो कि पिछले दिन सीता और अर्जुन निर्धारित समय पर अपना टिकट नहीं ले पाया और अर्जुन को बहुत पछतावा हुआ
MORAL OF THER STORY - TIME IS VALUABLE - समय बर्बाद मत करो यह बहुत कीमती है
25. ईमानदारी - HONESTY MORAL STORY
एक बार एक राज्य में अकाल पड़ा लोगों के मरने लगे उनके पास खाने को कुछ नहीं था और वहां के राजा ने घोषणा की सब बच्चों को एक-एक रोटी दी जाएगी. राजा के सेवक रोटी बांटने लगे लेकिन कोई रोटी रोटी तो कोई बड़ी वजह से सब बच्चों के बीच लड़ाई हो गई और कोई भी रोटी नहीं खाने लगा वही एक लड़की आई और उसने छोटी रोटी को ले लिया और वह चुपचाप चली गई
अगले दिन फिर से उस लड़की ने रोटी ली और चली गई घर जाकर जब रोटी खाने लगती है तो इस बार रोटी में से एक सोने का सिक्का निकलता है लेकिन की मां कहती है कि इस सोने के सिक्के को वापस ले आओ क्योंकि यह हमारा नहीं है . वह राजा के पास गई और कहने लगे कि आप की रोटी में एक सोने का सिक्का गया था शायद आटे में सिक्का गिर गया हो.
राजा उस लड़की की इमानदारी से खुश हुआ और उसे अपनी बेटी बनाकर गोद ले लिया और उसके माता पिता जी को भी महल में रख लिया और कुछ समय बाद राजा ने अपनी सारी संपत्ति उस लड़की के नाम कर दी
MORAL OF THE STORIY - इमानदारी आपको हमेशा सही रास्ते पर चलना सिखाती है और ईमानदारी करने से आपका हमेशा भला होता है
MORAL STORY IN HINDI |
26. समय का महत्व - VALUE OF TIME MORAL STORY
समय गुड्डन के समान माना गया है जैसे कि धन को सोच समझकर खर्च करते हैं वैसे ही हमें समय को भी सोच समझ कर करना चाहिए समय पर काम करने का समय पालन कहते हैं.समय की सबसे बड़ी शिक्षा हमें सूरत से नहीं लेनी चाहिए क्योंकि सूरज हमेशा समय पर निकलता है और समय पर ढलता है
समय की सीख हमें एक मुर्गे से भी लेनी चाहिए क्योंकि वह हमेशा समय पर सुबह उठकर बांग देता है और समय के साथ हमें फूल से भी लेनी चाहिए क्योंकि हमेशा समय पर फूल खिलते हैं
27. शिवाजी की सहनशीलता - NEW MORAL STORY IN HINDI
एक बार छत्रपति शिवाजी जंगल में शिकार के लिए जा रहे थे अभी दूर गए थे कि रास्ते में एक पत्थर उनके सर पर आकर लगा शिवाजी इधर उधर देख रहे थे लेकिन उन्हें कोई नहीं दिखाई दे रहा था तभी वहां एक बुढ़िया आई और वह कहने लगे कि मुझे माफ करें महाराज है पत्थर मैंने मारा क्योंकि मैं यह पत्थर आम को मार रहे थे मैं आम तोड़ना चाहती थी लेकिन बूढ़े होने के कारण मैं पेड़ पर नहीं चल सकती.
और कोई होता तो शायद उस बुढ़िया पर गुस्सा करता लेकिन छत्रपति शिवाजी एक महान राजा थे उन्होंने गुड़िया पर गुस्सा नहीं कियाऔर मन ही मन सोचने लगे कि यह पेड़ जब इतना सह सकता है सभी से पत्थर मारते हैं लेकिन फिर भी बदले में यह सब को मीठे फल ही देता है मैं तो फिर भी एक राजा हूं इसलिए राजा ने गुड़िया को माफ कर दिया और उसे कुछ स्वर्ण मुद्राएं भी दी
MORAL OF THE STORY
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि आजकल सभी लोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं लेकिन हमें उन छोटी बातों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए और उस पेट से सीख लेनी चाहिए जो इतना कुछ रहता है पत्थर चाहता है लेकिन बदले में सबको मिलकर ही रहता है हमें भी गुस्सा नहीं करना चाहिए और सब से प्यार बात करनी चाहिए
28. कौआ और हंस - CROW AND DUCK MORAL STORY IN HINDI
एक बार एक कौवा कोयले के समान काला था और वह एक हंस को देखता था जो कि बर्फ के समान सफेद था और सोचता था कि मैं भी इसके जैसा सफेद बनूंगा. कौआ सोचा कि अगर वह हंस के जैसा रहेगा तो वह गोरा हो जाएगा. अगले दिन कौआ हंस की तरह पानी में रहने लगा हंस की तरफ पानी में डूबने लगा हंस की तरह खाने लगा लेकिन गौर नहीं हो रहा था
बहुत दिन हो गए और हंस की जिंदगी जी कर कौवा अब कमजोर पड़ने लगा था क्योंकि वह उसका जीवन नहीं था और कुछ दिनों बाद कौवा मर गया
MORAL OF THE STORY - दोस्तों इस कहानी का अर्थ है कि आदतों के परिवर्तन से प्रकृति नहीं बदलती
29. एकता में बल - UNITY MORAL STORY IN HINDI
एक बार एक गांव में 4 भाई रहते थे वह आपस में बहुत लड़ते थे उन्हें लड़ता देख उनके पिताजी बहुत परेशान होते थे एक बार उनके पिताजी ने उन्हें बुलाया और उन चारों भाइयों के हाथों में एक एक लकड़ी के टुकड़े दिए और कहा कि इसे तोड़ो चारों भाइयों ने आराम से उन लकड़ी के टुकड़ों को तोड़ दिया
पिताजी ने फिर से उन चारों बेटों को इस बार लकड़ी के गुच्छे एक-एक करके दिया और कहा तोड़ो चारों बेटे जोर लगाते रहे लेकिन उनसे लकड़ी का गट्ठा नहीं टूटा. पिताजी ने समझाया कि यही होता है जब आप इकट्ठे होते हो तो आपको कोई नहीं तोड़ सकता लेकिन जब आप अलग हो जाते हो तो आप आसानी से टूट सकते हो
MORAL OF THE STORY - यूनिटी इस स्ट्रेंथ एकता में बल है
30. दो बत्तख - DUCK MORAL STORY FOR KIDS
एक बार गोलू और भोलू नाम के दो बत्तख थे उन दोनों के बीच में विवाद हो गया कि उनमें से कौन होता है गोलू कहता मैं उत्तम हूं तो भोलू कहता मैं उत्तम। दोनों के बीच में एक शर्त लगी और शर्ते लगेगी वह एक थैले में पत्थर भरेंगे और फिर उड़ेंगे जो ज्यादा देर तक उड़ता रहा वह जीत जाएगा। गोलू बहुत शरारती था उसने भोलू हंस के थैली में नमक भर दिया और अपनी थैली में रूई भर ली
जब वह दोनों उड़ने लगे तो भोलू बत्तख नीचे रह रहा था और गोलू ऊपर उड़ने लगा क्योंकि उसका भार कम था थोड़ी देर बाद बारिश शुरू होने लगे और गोलू की थैली में रोई थी वह पानी से और भारी हो गई और भोलू की थैली नमक की थी पानी पड़ने से सारा नमक निकल गया और भोलू जीत गया
31. घमंड - PRIDE MOAL STORY IN HINDI
एक बार एक शहर में एक बहुत बड़ा मूर्तिकार था वह बहुत ही सुंदर मूर्तियां बनाता था पूरे शहर में उसकी मूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध थी मूर्ति इतनी सुंदर बनाता था कि जैसे बिल्कुल असली ही बनाई गई हो लोग उस की मूर्तियों में असली नकली का फर्क नहीं समझ पाते थे उसे अपनी मूर्तियों पर बहुत घमंड था
मूर्तिकार अब बूढ़ा हो चुका था अब उसे लगने लगा था कि वह ज्यादा दिन जीवित नहीं रहेगा और उसे यमदूत अब आकर ले जाएगा उसने एक योजना बनाई उसने अपने जैसे हूबहू 10 मूर्तियां बना दी बिल्कुल अपनी तरह और जब उसकी मृत्यु हुई तो यमराज है उसे लेने आए तो वह उन मूर्तियों बीच में खड़ा हो गया
यमराज को पहचानना मुश्किल हो रहा था कि असली व्यक्ति कौन सा है और अगर वह उसे लेकर नहीं गया तो सृष्टि का नियम टूट जाएगा इसलिए उसने एक योजना बनाई उसने कहा कि मूर्तियां तो सही है बहुत सुंदर को नहीं है लेकिन इनमें कुछ कमियां हैं अगर इनका मूर्तिकार सामने होता तो मैं उसे बता देता।
मूर्तिकार झट से बोल पड़ा और उसका अहंकार जाग गया और उसने सोचा कि मैं बहुत सुंदर मूर्तियां बनाता हूं मेरी मूर्तियों में कैसे कमी हो सकती है और क्या गलती है मूर्तियों में यमराज ने कहा गलती तुम्हारी यह है कि तुम बहुत घमंडी हो और घमंडी मूर्तियाँ बोला नहीं करती
MORAL OF THE STORY - अहंकार ने मनुष्य को परेशानी और मुश्किलों के अलावा कुछ नहीं दिया है
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