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akbar birbal story in hindi पहने या सुनने के लिए हम सभी बहुत खुश रहते हैं क्योंकि अकबर और बीरबल के चुलबुले किस्से हमे बहुत पसंद आते हैं वहीं अगर बात हो akbar an birbal story in hindi कि तो हम सभी पढ़ना चाहेंगे बेहतरीन से बेहतरीन akbar birbal hindi story के किस्से
और इसी बीच आज मैं फिर से ले के आया हूँ एक बेहतरीन akbar birbal story in hindi short जो कि आपको बहुत पसंद आने वाली है अगर आपको यह akbar birbal short story in hindi with moral पसंद आए ततो इस akbar birbal hindi story को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें
new akbar birbal story in hindi |
एक बार शहंशाह के दरबार मे एक फारसी व्यापारी आया उस व्यापारी को अंदर दरबार मे बुलाया जाता है शहंशाह अकबर उनका स्वागत करते है और उनसे पूछते है कि तुम्हें यहाँ आकार कैसा लगा है इसपर व्यापारी का अजीब सी प्रतिक्रिया आती है और वह कहता है कि माफ करना जहाँपना लेकिन मुझे यहाँ आकार बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और मई यहाँ आकार बर्बाद हो गया हूँ
शहंशाह अकबर हैरान होते है और उस व्यापारी से पूछते है कि तुम्हें क्यों नहीं अच्छा लग रहा यहाँ? इसपर व्यापारी कहता है जहाँपना मैं ईरान से 500 सोने की अशरफियों का समान ले कर भारत व्यापार करने आया था और रास्ते मे मुझे गाड़ी वाला मिला था और मैंने उसकी गाड़ी मे सामान रख दिया लेकिन बाद मे उस गाड़ी वाले ने मेरा सामान देने से माना कर दिया और अगर मैं अपने समान को वापिस नहीं ले पाया तो मई कभी भी व्यापार नहीं कर पाऊँगा
इसपर जहाँपना ने उस आदमी को बुलाया जिसका नाम गोविंद होता है और उससे पूछा कि तुमने व्यापारी के साथ धोखा क्यूँ किया इस पर गोविंद ने कहा कि जहाँपना ये झूठ बोल रहा है माने इसका कोई समान नहीं उठाया वह समान मेरा है मैं ईरान से हिंदुस्तान लौट रहा था तब मुझे ये रास्ते मे मिला था और इसने मुझे कहा कि मई हिंदुस्तान जा रहा हूँ और और मुझे रास्ता मालूम नहीं है इसलिए माने इसे अपनी गाड़ी मे बीठा लिया
इसपर व्यापारी कहता है कि ये झूठ बोल रहा है और इसने मुझे कहा था कि मै जुए मे अपने सारे पैसे हार गया हूँ और उसके पास पैसे नहीं है,बादशाह अकबर अब चिंतित हो गए थे कि आखिर सच बोल कौन रहा है बादशाह अकबर ने व्यापारी को गोविंद के समान पहचानने का हुक्म दिया इसपर गोविंद कहता है कि इसने रास्ते मे मेरे समान पर दिलचस्पी दिखाई थी और मैने इसे अपना सारा समान दिखा दिया था
जहाँपना ने इस समस्या का हाल सुलझाने का जिम्मा बीरबल को दिया और बीरबल ने कहाँ 2 दिनों मे असली मूजिरीम आपके सामने होगा जहाँपना,बीरबल ने तहकीकात शुरू कर दी और जहाँपना ने व्यापारी और गोविंद को देश से बाहर नया जाने का हुक्म दे दिया
अगले दिन बीरबल दरबार मे पहुंचते है और जहाँपना अकबर उनसे पूछते हैं कि क्या तुमने असली मुजरिम को पकड़ लिया और पकड़ लिया तो कौन है असली मुजरिम वो व्यापारी या गोविंद? ईसर बीरबल कहते हैं कि असली मुजरिम गोविंद ही है
क्योंकि बीरबल तहकीकात करने जब गोविंद की दुकान गया तो बीरबल ने उनसे ईरानी सामान खरीदने को कहा और गोविंद ने व्यापारी का चोरी किया हुआ समान दिखाया तो गोविंद ने कहा कि इस समान की कीमत 1000 सोने की अक्षरफियाँ है तो बीरबल ने चालाकी से कहा कि इस सामान की बनावट अछि नहीं है और हम आपको इसका 300 अक्षरफियाँ ही दूंगा
बीरबल को शक हो गया था कि इतने महंगे समान के लिए गोविंद इतने काम दाम कस माँ गया इस पर बीरबल ने गोविंद के नौकर से डरा कर पूछा तो उसने सब सच बता दिया और गोविंद को ढोकधाड़ी करने से सजा भी मिली और उस व्यापरी को उसका समान भी वापिस दे दिया
तो दोस्तों इस तरह से बीरबल असली मुजरिम पकड़ लेता है बड़ी ही चालाकी से
Moral Of This akbar birbal Story-सत्य की हमेशा जीत होती है
तो कैसा लगा moral kabar birbal story in hindi का हैं ना मजेदार कहानी? akbar birbal hindi stories और भी है जो हमने लिखी हुई हैं आप उन्हे भी जरूर पढिए क्योंकि best hindi stories आपको himachaljosh.in पे ही मिलेगी तो देर किस बात कि अभी लॉगिन करें और पढ़ें best hindi akbar birbal moral stories और भी कई प्रकार की hindi moral stories
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