Top 10 New hindi stories for kids with moral
Top 10 New hindi stories for kids with moral
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नमशकार दोस्तों आपका हमरे ब्लॉग के स्वागत है जहां आपको मिलेगी Hindi stories ,short hindi moral stories ,hindi stories for kids ,akbar birbal story hindi मे तो चलिए बिना आपका समय गवेन शुरू करते है यह best hindi moral stories तो दोस्तों बिना आपका समय लिए शुरू करते है 10 hindi stories for kids with moral
1 crocodile and Monkey story in hindi
बहुत समय पहले यमुना किनारे एक चतुर बंदर रहता था यमुना मे मगरमछ की एक जोड़ी रोज उस बंदर को फल खाते देखती थी एक दिन मगरमछ की पत्नी ने कहा कि यह बंदर रोज फल खाता है इसका दिल खाने मे बहुत मीठा होगा क्या आप मेरे लिए उसका दिल ला देंगे पट्टी आश्चर्य चकित रह गया और उसने कहा की वह तो पेड़ पे रहता है और मै पेड़ मे चढ़ नहीं सकता
पत्नी ने कहा मेरे पास एक योजना है और बस दोनों पट्टी पत्नी ने योजना बनाई और बंदर के पास चले गए और बड़ी सरलता से कहा की क्या आप भी मुजही मीठे फल खाने को दोगे बंदर ने कुछ अच्छ बदया फल मगरमच्छ को दे दिए और मगरमच्छ ने कहा कि यह फल उतने मीठे नहीं है जीतने माने नदी के दूसरे तरफ खाए है
अब बंदर सोच मे पद गया और सोचने लगा कि न ही मई वहाँ जा सकता हूँ क्योंकि मई नदी के उस पार इतनी ऊंची छलांग नही लगा सकता उस पर मगरमच्छ ने कहा कि तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ और मई तुम्हें नदी के पार ले जाऊंगा और तुम मुझे फल उतार के दे देना
बंदर खुशी से मगरमच्छ की पीठ पर बैठने लगा और जब मगरमच्छ नदी के बीच पहुंचा तो वह नदी के अंदर जाने लगा बंद डरने लगा और उसने कहा कि आप इतना नीचे क्यों तैर रहे हो इस पर मगरमच्छ ने कहा कि मेरे पत्नी ने तुम्हारा दिल खाने के लिए कहा है इसलिए मई तुम्हें उसके पास ले के जा रहा हूँ
इसपर बंदर जोर जोर से हंसा और उसने कहा कि अपना दिल तो मै पेड़ पे ही छोड़ आया और उसने कहा कि अगर तुमने पहले बताया होता तो मई अपना दिल साथ ले के आ जाता बंदर की इस चालाकी से मगरमच्छ वापस पेड़ की और चल पड़ा और चालाकी से बंदर ने अपनी जान बचा ली
2 Duck Story In Hindi
एक बार एक जंगल के पेड़ पे एक बतख रहता था और वहीं बरगद के पेड़ के पास एक तालाब था और सारस वहाँ बिना मेहनत के मच्छलियाँ पेट भर खाया करता था बहुत समय बाद सारस बूढ़ा हो गया उसने पाया कि अब वे आसानी से मच्छलियाँ नहीं पकड़ पा रहा
अब बतख बुखा रहने लगा और कमजोर पड़ने लगा और उसने सोचा कि जीने के लिए अब उसे कोई उपाय सोचना होगा अगले ही दिन बतख तालाब के किनारे गया आलेकिन इस बार उसने मच्छलि नहीं पकड़ी और उदास मुह बनाकर बैठ गया
वहाँ एक केंकड़ा रहता था केंकड़ा उसके पास गया और पुच्छा भी आप उदास क्यों लग रहे हो क्या हुआ? बतख ने कहा कि गाँव वाले तालाब को मिट्टी से भरने की सोच रहें है और मै यह सोच के बहुत दुखी हूँ कि तालाब की सारी मच्छलिया मार जाएंगी और मुझे कहना कहा से मिलेगा
केंकड़े ने अपने सभी मच्छलि साथियों से ये बात काही और उन सब ने बतख से मदद का आग्रह किया बतख मन ही मन खुश हुआ क्योंकि उसका प्लान काम कर रहा था उसने मच्छलिऑन से कहा कि आप लोगों की सहायता करने का एक ही तरीका है मई आपको इस तालाब से निकाल कर दूसरे तालाब मे छोड़ आऊँगा
अब बतख रोज तालाब मे आता और कुच्छ मच्छलियों को उठाकर ले जाता अब केंकड़े की बारी थी इस बार बतख ने केंकड़े को उठाया और उसे लेकर उड़ गया कुछ देर बाद केंकड़े ने बतख को पूछा के नया तालाब यहाँ से कितनी दूर है ?सारस ने हस्ते हुए कहा कि मई मूर्ख थोड़ी हूँ जो तुम्हारी सहयाता करूंगा
बतख ने सुखी हुई मच्छलियों की हड्डी की ओर इशारा किया और कहा वो देखो तुम्हारे मित्र वहाँ मरे पड़े है और अब तुम्हारी बारी है ,इस पर केंकड़े को गुस्सा आया और उसने अपने नोकीलों नाखूनों से बतख का गला दबा दिया और अब बतख आगे नहीं उद पाया और जमीन पर गिरने से उसने अपना दम तोड़ दिया
केंकड़े ने वापिस तालाब जाकर सभी मच्छलियों जाकर बताया और कहा कि कसे उसने सभी मच्छलियों को ठगा था और यह भी बताया कि उसने किस प्रकार से उस बतख को मार गिराया
moral of the story- जैसी करनी वैसी भरनी
3 Crow and snake sory in hindi
सांप और कौआ
बरगद के एक पेड़ पे दो कौए रहते थे और वहीं पेड़ के नीचे एक सांप भी रहने लगा सांप को अपना पड़ोसी पा कर कौओं को बहुत चिंता होने लगी कौओं ने यह बात हिरण खरोगोश और जंगल के बाकी जानवरों को बताई और उनको सतर्क रहने को कहा
इसपर बाकी जानवरों ने भी काओं को सावधान रहने के लिए कहा इसपर कौए की पत्नी बोली अगर माने अंडे दिए तो यह मेरे बच्चे कहा जाएगा इसपर कौआ कहने लगा कि हमे सावधानी बरतनी होगी या फिर सांप को यहाँ से दूर भगाना पड़ेगा
बहुत जल्दी मादा कौए ने 3 अंडे दिए और उसमे से निकले 3 प्यारे प्यारे बच्चे पड़ोसी सांप उन नन्हे बच्चों की आवाज सुनकर बहुत खुश हुआ एक दिन जब दोनों कौए दाना चुगने बाहर गए तो सांप ने धीरे से पेड़ पर छड़कर तीनों बच्चों को खा लिया
जब शाम को कौआ दाना लेकर वापिस आया तो वह सब देखकर बहुत दुखी हुआ मादा कौआ तो रोने लग पड़ी और कौए ने सांप को सबक सीखने का ठान लिया इसपर कौआ सलाह करने लोमड़ी के पास गया लोमड़ी ने कहा कौए की सारी बात सुनकर लोमड़ी ने सलाह दी नदी के किनारे रानी स्नान करती है वह उनका हीरों का हार पड़ा होगा और तुम जल्दी से उठाकर ले आओ
कौए ने ठीक वैसा ही किया और रानी के हीरे का हार चुरा कर वहाँ से चल पद इसे देख कर रानी के सिपाही कौए के पीछे पड़ गए और कौआ हार लेकर सांप की और ओर चला और सांप के बिल मे हार गिरा दिया सिपाहियों ने जैसे ही सांप के बिल को तोड़ना शुरू किया तो सांप बाहर आ गया
सिपाहियों को देखकर वह लंबा सांप भाग गया और वहाँ कभी नहीं आया
Moral Of The Story - अच्छी संगति भली संगति
4 Lion and fox Story in Hindi
एक समय मे एक जंगल मे बूढ़ा शेर रहता था वह जंगल का राजा भी था जब ये शेर बूढ़ा हो गया तो उसने एक मंत्री रखने का विचार किया अब राज्य ने लोमड़ी को अपना मंत्री बनाने का सोचा क्योंकि वह सब जानवरों से ज्यादा बुद्धिमान मानी जाती है
लोमड़ी ने शेर की बात माँ ली क्योंकि वह राजा की बात भी तो नहीं ताल सकती थी फिर राजा शेर ने उसको उसकी जीममेंडारी समझाते हुए कहा- मै तो जंगल का राजा हूँ और मई शिकार करने नहीं जाऊंगा और आज से तुम शिकार करने जाओगी और मेरे लिए शिकार ले के आओगी
लोमड़ी के पास कोई चारा नहीं था उसे अपने राजा के लिए भोजन ढूंढने जाना ही पड़ा रास्ते मे उसे एक गाहा मिला गधे को देखर लोमड़ी को एक उपाय सुझा लोमड़ी ने गधे को शेर राजा का मंत्री बनाने के लिए माना लिया
जैसे ही लोमड़ी गधे को शेर के पास लेकर गई तो भूखे शेर ने गधे को मारकर अपना भोजन किआ चालाक लोमड़ी ने सोचा कि मई अपनी बुद्धि से गधे को यहाँ तक ले के आई तो इसका अच्छा भोजन तो मुझे ही मिलना चाहिए इसपर लोमड़ी ने कहा कि महाराज आप बहुत थके लग रहे हो आप स्नान कर ले उसके बाद बाद भोजन करने का मजा और ज्यादा आएगा
शेर ने लोमड़ी के सलाह मानी और वह स्नान करने चला गया लोमड़ी ने सबसे पहले गधे का दिमाग जो सबसे अच्छा भोजन था वह सबसे पहले जल्दी जल्दी कहा लिया शेर जब वापिस आया तो वह गधे का दिमाग था ही नहीं शेर ने सवाल भारी नजर से लोमड़ी की तरफ देखा इसपर लोमड़ी ने कहा अगर गधे का दिमाग होता तो वह आपका मंत्री बनने को स्वीकार क्यों करता ?
Moral Of The Story- सोच समझ कर कार्य किया जाए तो सदा सफल होता है
5.Elephant Story In Hindi
एक समय पहले जंगल मे हाथियों का एक बहुत बड़ा झुंड रहता था वह पेड़ से पत्ते कहते थे और जंगल के तालाब से पानी पीते थे,गर्मियों का मौसम आने वाला था और तालाब सूखने लगा था सारे हाथी चिंता मे पद गए लेकिन उनके झुंड के सरदार को पहले से ही अंदेशा था
लेकिन सरदार ने पहले से ही तरकीब सोच के रखी थी कि सभी साथियों को पास के जंगल मे ले जाएंगे जहां इससे भी बाद तालाब है इसलिए अगले दिन झुंड दूसरे जंगल मे चला गया पर उनका आना वहाँ औरों को अच्छा नहीं लगा क्योंकि वहाँ दूसरे जानवर भी थे जसे की खरगोश जो कि उसी पानी के सहारे जी रहे थे उन्हे ये नए हाथी अच्छे नहीं लगे
अगले दिन खरगोश का नेता हाथी के नेता के पास गया और बोला हमारे चन्दा मम तुमसे बहुत नाराज है इसपर हाथी ने पूछा क्यों? तो उसने कहा तुम हाथियों ने खरगोश की बिरादरी को बहुत हानी पहुंचाई है हमारे चन्दा मामा आपसे तालाब के पास मिलना चाहते हैं ताकि वो आपसे मिलकर बात कर सके
हाथी ने खरगोश की बात ,माँ ली और रात को वह तालाब के पास चला गया और वहाँ चाँद जगमगा रहा था तालाब मे भी चाँद जगमगा रहा था इसपर खरगोश ने कहा कि चन्दा मामा आपसे नाराज है और वह आपसे बात नहीं करेंगे क्योंकि आपने खरोगोश और बाकी छोटे प्राणियों को हानी पहुंचाई है जो तालाब मे पानी पीने आते थे और चन्दा मामा को ये सब बिल्कुल पसंद नहीं और वह चाहते है कि आप यह जंगल छोड़ दें
लेकिन हाथी के पास शब्द नहीं बचे थे आर उसने कहा कि हम कहाँ जाएंगे हमे पानी की जरूरत है इसपर खरगोश ने कहा पास के खाली मैदान मे तालाब है जहां आपके लिए पानी है अगर ऐसा नहीं किया तो चंदा मामा आपको सजा देंगे
बुद्धू हाथी डर गया और वह सभी हाथी जंगल छोड़कर चले गए और उस जंगल मे खरगोश समेत कै प्राणी शांति से रहने लगे
Moral Of The Story- बुध्दि शक्ति से बड़ी होती है
6.Lion and Rabbit Story In Hindi
यह है एक sher ki kahani एक बार एक जंगल मे सभी शेर राजा के बारे मे बात कर रहे थे और शेर से मुक्ति पाने का रास्ता ढूंढ सके क्योंकि उन सभी जानवरों के परिवार को जब शेर का मन करता था तब खा लेता था इसपर खरगोश ने कहा कि हम हर रोज अपने परिवार वालों को खो देते है लेकिन हम कसे शेर से निपटारा पाए?
इसपर भालू बोला कि उसके पास एक तरकीब है वह सभी लोग अपनी तरकीब बताने शेर के पास जाते हैं शेर राजा अपने सिंघासन पर बैठा हुआ था और सभी जानवर उसके आगे सर झुकर उसे सम्मान देने लगे इसपर शेर ने पूछा कि तुम सब यहाँ क्यों खड़े हो ?
इसपर भालू ने कहा कि महाराज आप अपपने घर मे ही रहा कारों और हम आपके लिए भोजन खुद लेकर आया करेंगे इसपर शेर ने कहा यह तो बहुत बड़िया तरकीब है और ऐसे फैसला हो गया और शेर ने उसनकी तरकीब माँ ली
अब बारी होती है शेर के पास जाने की खरगोश की लेकिन खरगोश मारना नहीं चाहता और वह एक तरकीब सोचता है खरगोश शेर राजा के घर पहुंचता है शेर बहुत नाराज होता है और कहता है कि तुम्हें आने मे इतनी देर क्यों हुई और तुम अकेले क्यों आए हो तुम्हारे अकेले से मेरा पेट कसे भरेगा
खरगोश ने चालाकी से शेर से कहा महाराज मई तो आपके पास अपने परिवार के साथ आ रहा था लेकिन तभी एक और शेर रास्ते मे मिला उसने मेरे परिवार वालों की जान ले ली और उन्हे कहा लिया मई बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचा कर आपके पास आया हूँ
शेर सोच मे पद गया और सोचने लगा कि इस जंगल मे मुझसे ताकतवर शेर और कोण आ गया इसपर शेर ने खरोगोश से कहा कि उसे उस शेर से मिलना है जो कि मेरे जंगल मे आकर मेरे भोजन को खा रहा है इसपर खरगोश शेर को ले गया
खरगोश खामोशी से धीरे धीरे शेर को एक कुएं के पास ले गया उसने शेर को कुएं मे झाँकने के लिए कहा शेर को कुएं के पानी मे अपना चहरा दिखा मूर्ख शेर को लगा कि दूसरी तरफ कोई और शेर है जैसे शेर दहाड़ता और उसकी परछाई भी दहाड़ती जैसे ही शेर ने अपनी परछाई पे हमला किया वह कुएं मे जा गिरा
चालाक खरगोश ने अपनी जान बचा ली खरगोश बहुत खुश होता है और उसे यकीन नहीं होता कि उसकी तरकीब काम कर गई और खुशी से वह जंगल के साथियों के झुंड के पास चला गया और जंगल के सभी झुंड कुएं के पास शेर को मारा हुआ देख खुश हो गए
7.Mom Story In Hindi
चेतन नाम लड़का अपनी मा के साथ एक बहुत ही अच्छे घर मे रहता था वह बहुत अच्छा लड़का था और मा का कहना मानता था और सदा अपनी मा का कहना मानता था चेतन की मा बहुत अछे पकवान बनाती थी और चेतन को खाना बहुत पसंद था
एक दिन चेतन की मा ने cookies बना का एक डिब्बे मे रख दिए और और बाजार चली गई चेतन की मा चेतन को कह के गई थी कि वह अपना home work कर के cookies खा सकता है चेतन ने जल्दी से home work खत्म करके cookies खानी चाही
चेतन ने स्टूल पर चड़कर कूकीस के डिब्बे मे हाथ डाला लेकिन डिब्बे का मुह छोटा हों के कारण वह अपना हाथ नहीं निकाल पाया चेतन की मा बाजार से लौट आई और वह ये सब देखकर हसने लगी और उसने चेतन से कहा की तुम हाथ मे सिर्फ मुठ्ठी के बजे सिर्फ एक कूकीस निकालो
चेतन ने वही किया और उसका हाथ बाहर निकाल आया
Moral Of The Story-कभी भी लालच मत करो जितनी आवश्यकता हो उतना ही लो
8.Ant and dove Story In Hindi
बहुत समय पहले की बात है एक चींटी पेड़ से तालाब मे गिर गई एक कबूतर ने उसे अपनी जान बचाने की जी तोड़ कोशिश करते हुए देखा उसने एक पत्ते को तोड़ और पानी मे फेंक दिया चींटी पत्ते पर चड गई उसने कबूतर का धन्यवाद किया
कुछ समय बाद बाद जंगल मे शिकारी आए और वह पक्षियों को पकड़ते थे उसने कुछ दाने जमीन पर फसङ्के और अपना जाल बिछा दिया वह चुप छाप पक्षी के फसने का इंतेजार कर रहा था वहीं से चींटी भी गुजर रही थी और वह कबूतर भी उन्ही दानों को खाने आ रहा था
चीटी ने शिकारी के पैर काट लिए और शिकारी जोर जोर से चिल्लाने लगा तभी कबूतर ने चीलाने की आवाज सुनकर अपना रास्ता बदल लिया’
Moral Of the Story - कर बहाल तो हो भला
9.Lion and Mouse Story In Hindi
एक जंगल मे एक शेर और चूहा रहते थे एक दिन दोपहर को नटखट चूहा खेलते हुए शेर पे जा गिरा शेर गुस्से मे आया और चूहे को पकड़ लिया और चूहे को खाने लग पड़ा इसपर चूहे ने कहा कि ही शेर मै तो छोटा सा हूँ और मुझे कहा के आपको क्या मिलेगा आपकी तो भूख भी नहीं मिटेगी और शेर चूहे को छोड़ देता है
एक दिन शेर जंगल से जा रहा था और एक शिकारी के जाल मे फंस गया और वह चूहा वहाँ से गुजर रहा था चूहे ने शेर का जाल काटकर शेर को बचा लिया और वह दोनों दोस्त बन गए
Moral Of The Story - कर बहाल तो हो भला
10.Two goats Stories In Hindi for kids
एक दिन की बात है एक बकरी नदी के किनारे घास खा रही थी तभी उस बकरी को नदी के किनारे बहुत ही अछि घास दिखी और उसका मन किया कि वह नदी के उस पार जा के वह घास खाए तभी उसे पहन लकड़ी का पेड़ दिखता है जिसपे वह चाड जाता है लेकिन दूसरी तरफ दूसरी बकरी भी आ जाती है
एक बकरी कहती है पहले मुझे जाने दो दूसरी बकरी कहती है मुझे पहले जाने दो लेकिन इसी बीच पहली बकरी सोचती है कि अगर हम लड़ पड़े तो दोनों पानी मे गिर जाएंगे इसी बीच पहली बकरी हट जाती है और दूसरी बकरी को जाने देती है
Moral Of The Story- कोई भी काम करने से पहले सोच ले
11 Ant and Grasscoper Story In Hindi
एक टिड्डा नाचते गाते वासबत ऋतु का मज़ा ले रहा था अचानक उसकी नजर एक चींटी पर पड़ी वह चींटी बहुत ही मेहनती थी वह अपने सिर पर गेंहू का दान उठा कर जा रह थी इसी बीच टिड्डा चींटी से कहता है कि तुम इतनी मेहनत क्यों करती हो आकर मेरे साथ बैठो और गप्पे लड़ाओ
लेकिन चींटी बहुत होशियार थी चींटी ने कहा कि मई बारिश के मौसम के लिए कहना इकठ्ठा कर रही हूँ तुम भी क्यों नहीं करते इसपर टिड्डा कहता है कि अभी हमरे पास बहुत खाना है,चींटी वहाँ से चली गई और उम्मीद से पहले बारिश हुई टिड्डे के पास न घर था और ना खाने को कुछ भी
टिड्डा मदद के लिए चींटी के पास गया तो चींटी ने कहा कि कुछ दिन पहले तुम्हें कहा था लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी,लेकिन चींटी अच्छे दिल की थी उसने टिड्डे को अंदर बुलाकर कहना खिलाया
Moral Of The Story - अगर काम करने के समय काम नहीं करोगे तो यही हश्र होगा
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