2 हीरे- हिन्दी कहानी New Motivational Small story in hindi
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नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारे हिन्दी ब्लॉग himachaljosh.in मे जहां आपको मिलती है inspirational stories in hindi ,moral stories in hindi ,motivational stories in hindi ,biography in hindi और भी कई प्रकार की कहानिया और लेख जिनसे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है,और आज हम पढ़ेंगे कि कैसे आप अपने मन को शांत रख कर सफलता पा सकते हैं, तो बिना आपका समय लिए शुरू करते है इस कहानी
एक आर एक व्यक्ति राजा के दरबार मे गया और राजा के पास 2 चमकते पत्थर ले गया जो कि दोनों पत्थर एक जैसे दिखते थे , उस आदमी ने बोला महाराज मेरे पास ये 2 पत्थर है जिसमे एक हीरा है और एक आम पत्थर है और आपके दरबार मे जो कोई इन पत्थर मे से असली हीरे को पहचान लेगा तो मई उसे असली हीरा दे दूंगा अब राजा माँ गया लेकिन उस व्यक्ति ने एक शर्त रखी कि अगर कोई असली हीरा ना पहचान पाया तो राजा को मुझे 5000 मुद्राएं देनी होगी राजा माँ गया
सभा मे लोग असली हीरे को पहचानने लगे बड़े से बड़ा विद्वान असली हीरे को नहीं पहचान पाया अंत मे राजा ने हार माँ ली और उसे 5000 स्वर्ण मुद्राएं दे डाली , वह व्यक्ति दूसरे राज्य के राजा के पास गया किन्तु वहाँ पे भी कोई पहचान न सका और उसने वहाँ भी स्वर्ण मुद्राएं जीत ली , इसी प्रकार वह आदमी हर आर शर्त रखता और हमेशा सोने की मुदराये जीत लेता और आगे बढ़ता
एक आर वह फिर से एक राजा के पास गया वह राजा ने धूप मे सभा लगाई थी क्योंकि सर्दियों का समय था तो राजा धूप मे काम काज निपटा रहा था यहाँ भी राजा ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली और वहाँ के सभी विद्वानों ने पत्थरों को देखा लेकिन फिर से एक बार कोई पहचान ना पाया राजा ने निराश होकर 5000 स्वर्ण मुद्राएं देने को कहा
लेकिन वही पर एक आधा व्यक्ति आता है और कहता है कि महाराज क्या मैं छूकर पता लगा सकता हूँ महाराज ने कहा क्यों नहीं उस अंधे व्यक्ति ने दोनों पत्थर हाथ मे पकडा और इशारा कर के कहा कि महाराज मेरे बाये हाथ मे असली हीरा है जबकि दायें हाथ मे नकली चमकता पत्थर जिसका कोई मोल नही
हीरों का मालिक हैरान हो गया और उसने पूछा कि तुमने कैसे पता लगाया तो उस व्यक्ति ने जो जवाब दिया वह सुनकर वहाँ सभी दंग रह गए उसे कहा कि असली हीरा वही है जो धूप मे भी ठंडा रहे जबकि नकली पत्थर दूप से गर्म हो जाता है बिल्कुल हम इंसानों की तरह ,दोस्तों यदि हम बड़ी सफलता मिलने पर शांत रहते है तो हम उच्च कोटी के इंसान बनते है और यदि हमे थोड़ी से सफलता मिलने पर खुश और उतावले हो जाते हैं तो कहीं हम वह सस्ते पत्थर तो नहीं ?
Moral Of This SuccessStory In Hindi
तो दोस्तों इस कहानी से हमको यह सीख मिलती है कि हमे थोड़ी से साफ;ता मिलने पर उतावले नही होना चाहिए बल्कि उसको हासिल कर पीछे छोड़ अगले लक्ष्य की ओर बड़ना चाहिए
तो दोस्तों हमे आप कमेन्ट करके जरूर बताएं की आपको यह कहानी कैसी लगी तथा अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share कीजिए क्या पता आपके एक share से किसी कि जिंदगी बदल जाए और आप किसी के प्रेरक बन जाओ
दोस्तों अगर समय हो तो लक्ष्य को कैसे पाएं स्वामी विवेकानंद जी की यह कहानी जरूर पढ़ें
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