गौतम बुद्धा की कहानी हिन्दी मे - New gautam buddha inspirational story in hindi language
गौतम बुद्धा की कहानी हिन्दी मे - अंधविश्वास gautam buddha inspirational story in hindi language
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नमस्कार दोस्तों आपका बहुत स्वागत है हमारे ब्लॉग himachaljosh.in मे जहां आपको मिलती है hindi moral stories ,hindi motivational stories ,insiprational hindi stories और आज मई आपके लिए ले के आया हूँ lord buddha कि कहानी जो कि समाज मे फैले अंधविश्वास पर है और अंधविश्वास को दूर करने की इस कहानी के माध्यम से हमारी थोड़ी सी कोशिश , तो बिना आपका समय लिए शुरू करते हैं इस बेहतरीन कहानी को
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यह बात lord buddha के समय की है उस समय मरने के बाद कुछ लोग धर्म के नाम पर कई कर्म कांड करवाते थे और इस कर्म कांड के बदले वह लोगों से जमकर दान दक्षिणा लेते थे लोग अपने मृत परिजनों को मृत परिजनों को स्वर्ग तक पहुंचाने के लिए उनकी वो हर बात मानते थे जो वह कहते थे
एक दिन गाँव मे के वृद्ध व्यक्ति कि मृत्यु हो गई और उसके बेटे ने सोचा कि क्यों ना अपने पिता को मुक्ति दिलवाने के लिये गोतम बुद्ध की मदद ली जाए। वह युवक गौतम बुद्ध के पास गया और बोला की हे महात्मा बुद्ध मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मेरे मृत पिता की आत्मा को शांति मिले और उन्हे स्वर्ग प्राप्त हो सके
बुध्द ने उत्तर दिया कि तुम मिट्टी के दो घड़े लेना एक मे पत्थर भर देना और एक मे घी भर देना और उन्हे नदी के बीच पत्थर से तोड़ देना और इसके क्या बाद जो भी होगा वो मुझे आकर जरूर बताना। उस युवक को bhagwan buddha की बात तो समझ नहीं आई लेकिन उसने वसा ही किया जैसे बुद्ध ने उससे कहा था
अगले दिन वह युवक bamiyan buddha के पास आया और कहने लगा कि उसने दोनों घड़े तोड़ दिए जब उसने पत्थर से भरा घड़ा तोड़ा तो पत्थर पानी मे डूब गए और जब उसने घी से भरा घड़ा तोड़ा तो घी पानी की दिशा के साथ ही बह गया, बुद्ध ने युवक से कहा कि किसी भी प्रकार के मंत्र से क्या ऐसा हो सकता है कि पत्थर पानी मे तैरने लगें और घी डूब जाए ?
युवक ने कहा ऐसा तो किसी प्रकार से संभव नहीं है न पत्थर पानी मे तैर सकते हैं और न घी पानी के ताल मे डूब सकता, god buddhaने कहा ठीक ऐसा ही है उन्होंने जो भी अच्छे कर्म या बुरे कर्म किये होंगे वही उनकी नीति तय करेंगे अतः तुम्हें इस विषय मे सोचने कि कोई जरुरत नहीं है ना ही तुम मृत्यु के बाद क्या होगा उसे जान पाओगे और ना ही तुम उसे बदल पाओगे अतः किसी ढोंग न फस कर जीवन की वास्तविकता मे यकीन रखो और अपने मन पर शांति रख कर काम लो
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मृत्यु अटल है है यह सब लोग जानते है लेकिन इसके बाद भी हम अनजान बने रहते है कुछ लोग जीवन भर बुरे काम ही करते रहते हैं और ऐसे लोगों को कोई याद नहीं रखता वहीं कुछ लोग दूसरों की मदद करने को तैयार रहते हैं और ऐसे लोगों को सम्मान से याद रखा जाता है और यही मृत्यु के बाद असली स्वर्ग है
महात्मा बुद्धा कहते हैं कि किसी बात को सिर्फ इसलिए मत मानो कि ऐसा सदियों से होता आया है या परंपरा है इसलिए मत मानो कि किसी ग्रंथ शास्त्र मे लिखा हुआ है या किसी ग्रंथ मे लिखा हुआ है या ज्यादातर लोग उसे मान लेते हैं जो कोई धर्म गुरु आचार्य,साधु संत ज्योतिषी कहते हैं और आँख मूंदकर माँ लेते हैं
किसी भी बात को इसलिए मत माँ लेना कि कोई तुमसे बड़ा या आदरणीय कह रहा है बाली हर बात को पहले बुद्धि तर्क,विवेक,चिंतन की कसौटी पर तोलना यदि वह बात स्वयं के लिए समाज या सम्पूर्ण मानव जगत के कल्याण के हित मे लगे तो ही उस बात को मानना
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