जादुई जंगल-बच्चों की कहानियाँ पिटारा-story for kids in hindi
जादुई जंगल-बच्चों की कहानियाँ पिटारा-story for kids in hindi
हेल्लो बच्चों कैसे हो आप लोग बच्चों आज मई आपके लिए ले के आया हूँ एक मजेदार हिन्दी कहानी और यह जादुई कहानी आपको जरूर पसंद आएगी तो बच्चों बिनका आपका समय लिए शुरू करते हैं इस बहतरीं जादुई कहानी को तो बच्चों इस मजेदार कहानी का नाम है
जादुई जंगल
(जादुई वन)
एक नदी के बगल में एक छोटा सा राज्य था
और उस राज्य का राजा बहुत दयालु और परोपकारी था।
राजा की एक बेटी थी जिसका नाम काव्या था,राजकुमारी बहुत सुंदर थी।
राजकुमारी हमेशा उसके दोस्तों के साथ बाहर चली जाती
नदी तट के पास खेलने और घूमने
नदी के किनारे अपनी सहेलियों के साथ लुका-छिपी खेलते हुए एक दिन
वह नदी के दूसरी तरफ चली गई।
वहाँ सुंदर पेड़ों और फल फूल को देखकर वह चकित हो गई,
उसने सोचा कि यह जगह बहुत खूबसूरत है,लेकिन मैं पहले कभी यहां नहीं आई
राजकुमारी काव्या जंगल मे घूम घूम कर अब थक चुकी थी।
और उसे अब भूख भी लगने लगी थी उसे एक पेड़ का फल दिखा
उसने जल्दी से कुछ फल खाए और अपने दोस्तों के लिए कुछ फल अलग रखे।
वह पेड़ के नीचे बैठ गई और फल खाने लगी
वाह! ये फल बहुत मीठे होते हैं।
उसने बहुत सारे फल खा लिए और पेड़ के नीचे सो गई
जब वह उठी तो उसने पाया वह आकार में बहुत छोटी हो गई है
वह इतनी छोटी हो गई थी थी कि उसके चारों ओर फल और फूल विशाल हो गए थे
राजकुमारी हैरान हो गई और सोचने लगी कि ये कैसे हुआ?
मैं कैसे सो गई और मैं आकार में इतनी छोटी कैसे हो गई हूं?
वह रो पड़ी ,राजकुमारी काव्या के दोस्त उसे खोजते थक गए किन्तु वह उसे खोज नहीं पाए
वे महल में गए राजा और रानी के साथ सब कुछ बताया दिया कि
काव्या हमारे साथ खेलते हुए दूर चली गई
हमने उसे हर जगह खोजा लेकिन हमें काव्या, कहीं नहीं मिली।
राजा और रानी परेशान थे।
रानी रोने लगी और उसने हुक्म दिया कि जाओ और सब खोजो
नदी के पास के स्थान मे और राजकुमारी को वापस ले आओ। जाओ।
जब वे तलाश करने गए जंगल में गए तो काव्या ने उन्हें देखा।
लेकिन उसकी आवाज उन तक नहीं पहुंच पा रही थी
वह आकार में इतनी छोटी थी कि पहरेदार उसे नहीं देख सके और वे वापस चले गए
महल में निराश हो गया।
काव्या चिल्लाती रही और अंत में वह थक कर बैठ गई
एक पेड़ के नीचे बैठ गई और रोने लगा। उसे पेड़ के पास एक छेद नजर आया।
यह उसके लिए एक विशाल गुफा जैसा था।
उसने सोचा कि मैं अंदर जाकर जाँच करती हूँ शायद मुझे मदद मिल सकती है।
लेकिन अंदर खतरा हो सकता है अगर अंदर कोई जानवर है तो मैं मर भी सकती हूं।
किन्तु वह हिम्मत करके अंदर चली गई जैसे वह अंदर गई उसे कुछ आवाजें सुनाई दीं।
जब वह अंदर गई तो उसने देखा कि उसके जैसे कई छोटे आकार के लोग वहा मौजूद थे
राजकुमारी काव्य ने उनसे पूछा तुम कौन हो?
तो वह लोग कहते हैं कि हम बगल के गाँव में रहते हैं।
लेकिन आप हैं कौन?हमने जंगल में अपना रास्ता खो दिया।
जंगल की जादूगरनी ने जंगल मे हमें अपना निशाना बनाया है ।
हम यहां अतीत के लिए छिप रहे हैं कुछ दिन ताकि कोई हमें मारे नहीं।
इसपर काव्य कहती है मैं राजकुमारी काव्या हूँ।
यह सब हम इसे चुपचाप बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हमें कुछ करना चाहिए,हम आकार में इतने छोटे हो गए हैं
कि हम अब क्या कर सकते हैं?
हम दौड़ते-दौड़ते थक जाएंगे और फिर भी हम बच नहीं पाएंगे।
कोई न कोई रास्ता तो होना ही चाहिए जादूगरनी को हराने के लिए।
लेकिन एक आदमी कहता है कि एक रास्ता है, लेकिन यह है न केवल मुश्किल बल्कि असंभव भी।
चुड़ेल के घर के बगीचे में टूटा हुआ दर्पण है उसके घर के बगीचे में।
यदि हम दर्पण में शामिल हो सकते हैं तो जादूगरनी उसमें अपना प्रतिबिंब देखती है
.तो उसका जादू अपनी शक्ति खो देगा और हम अपने मूल रूप में वापस आ जाएंगे ।।
और जादूगरनी भी मर जाएगी ठीक है, हम सभी ऐसा करने की कोशिश करेंगे।
लेकिन सब सोचने लगे की वह वहाँ तक पहुंचे कैसे
तो वहां, एक तोता रोज आता था ,हम उसकी मदद ले सकते हैं।
जब तोता वहां आया अगले दिन उन्होंने उसे उनकी मदद करने के लिए कहा।
तोता उनकी मदद के लिए तैयार था।
काव्या और दूसराय पीड़ित व्यक्ति तोते की पीठ पर बैठ गया ।।
और पहुँच गए जादूगरनी का घर पहले उन्हें टूटे हुए दर्पण का पता चला।
उन सभी ने इसमें शामिल होने की कोशिश कीलेकिन दर्पण टूटा हुआ था
वे दर्पण की मरम्मत करने में कामयाब रहे, लेकिन दर्पण एक कोना गायब था।
वह दर्पण का टुकड़ा दें ने छुपा दिया था ,उसे अचानक काव्या को बगीचे में एक फूल दिखा
जैसे ही काव्या ने फूल को हिलाया दर्पण का शेष भाग उस मे से मिला।
वह सभी लोग आईने को चुड़ेल के घर ले गए
जैसे ही वे उसके अंदर दाखिल हुए घर के चुड़ेल ने काव्या को देखा।
तुम मेरे जादू के शिकार हो तुम्हारी यहाँ आने की हिम्मत कैसे हुई?
मैं तुम्हें अभी एक जानवर के रूप में बदफल दूँगी ।
काव्या के दोस्त कछुपे हुए थे और सब कुछ देख रहे थे
राजकुमारी ने बड़ी ही चालाकी से कहा कि मैं भी तुमसे बड़ी जदूगरनी हूँ
और तुम्हें अपने दर्पण से ही निशाना बना सकती हूँ अगर यकीन नहीं होता तो खुद देख लो
जैसे ही जादूगरनी अपने आप को देखती है तो वह छिपे लोग भी बाहर आ जाते है
और दर्पण मे खुद को देखते हैं इस तरह से जदूगरणी का श्राप खत्म हो गया था
और सब लोग उनके मूल रूप में वापस आ गए और जादूगरनी भी मर गई।
जो तोता उन सब को ले गया था वह भी अपने मूल रूप मे वापिस आ जाता है
वह् तोता कोई और नहीं बल्कि एक राजकुमार होता है जो कि जदूगरनी का
शिकार हुआ था,सभी लोग राजकुमारी को धन्यवाद करते हैं और राजकुमार और राजुमरी
आपस मे शादी कर लेते हैं और अपने महल वापिस चले जाते हैं
ये थी बच्चों की कहानियाँ , बच्चों की कहानियाँ पिटारा , बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ ,बच्चों की हास्य कहानिया ,अगर आपको यह बच्चों की नैतिक कहानियाँ पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें और कहानियाँ बच्चों की पद्धनी है तो himachaljosh.in मे जाए यहाँ आपको कहानियाँ मजेदार कहानियाँ लिखी हुई मिलेंगी अभी जाएँ और पड़ें प्रससिद्ध बच्चों की नई कहानियाँ
बच्चों की कहानी hindi story for kids
बच्चों की नई हिंदी कहानियां story in hindi for kids
छोटे बच्चों की कहानियां story book in hindi for kids
बच्चों की नई कहानियां hindi moral story for kids
बच्चों की नई हिंदी कहानी hindi short story for kids
बच्चों के लिए कहानियां story for kids in hindi
कहानी बच्चों की
बच्चों की हिंदी कहानी
बच्चों की नई नई कहानियां
बच्चों का कहानी
बच्चों की कहानी बच्चों की कहानी
बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ
बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां
बच्चों के कहानी
बच्चों वाली कहानी
बच्चों कहानी
बच्चों की कहानियां हिंदी में
बच्चों की स्टोरी
बच्चों की कहानियां कार्टून
बच्चों की कहानियाँ पिटारा
छोटे बच्चे की कहानियां
Comments
Post a Comment