BABA HARBHAJAN SINGH-एक सैनिक की आत्मकथा | Real Story In Hindi |,army story,sainik ki atmakatha,army man story in hindi,story in hindi,new story

 BABA HARBHAJAN SINGH-एक सैनिक की आत्मकथा

EK SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI

नमस्कार दोस्तों आज मई आपके लिए ले के आया हूँ essay on sainik in hindi ,एक वीर सिपाही कि आत्मकथा हिन्दी निबंध घायल सैनिक कि आत्मकथा हिन्दी ले के आया हूँ इस कहानी को जरूर अंत तक पढ़ें और अछि लगे तो इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ सांझा करें 



दोस्तों हम जानेंगे एक सैनिक की आत्मकथा उसका यह साहस और दृढ़ निश्चय ही उसे हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करने की ताकत देता है मैं सुबह शाम दिन रात को केवल अपने देश को रक्षण प्रदान करता है अनेक प्रकार से आतंकवादी व घुसपैठिए हमारे देश में हमारे इस विशाल घर में घुसने का प्रयत्न करते हैं ऐसे में सैनिकों के लिए चुनौतियां पलके बिछाए इंतजार करती हैं कई दिनों तक बिना खाए पिए एक ही स्थान पर छुपे रहना पड़ता है. 


 बहुत बार उन्हें कई दिनों तक बिना पानी के गुजारा करना पड़ता है परेशानियों का सामना करते हुए देश की रक्षा करते हैं


5 LINES ONSOLDIERS IN HINDI

मैं एक सैनिक हूं मैं भारतीय मैं भारत का हूं रखवाला कोई कहता मुझको कि मैं हिंदू हूं तो कोई कहता मुझ को कि मैं मुस्लिम हूं, तो कोई कहता मुझ को कि मैं सिख  हूं, तो कोई कहता मुझको कि मैं सिख हूं तो कोई कहता मुझको कि मैं ईसाई हूँ पर मैं सैनिक हूं मैं भारतीय हूं कोई क्या जानेअच्छा मैंने तो दिवाली में की होली देखी है और गलियों में भी खून जमा देने वाली सर्दी देखी है ,

प्यार से रहूँ सबसे ...प्यार से रहूँ सबसे  और दोस्त मे भी दुश्मन ढूँडू 


जब एक सैनिक वर्दी पहनकर है तो उस जोश और उस भवना में जीता है जिस भावना को आप लोग देश भक्ति बोलते हैं।इस देश के हर कोने में आए सुख दुख को ऐसे पीत है जैसे जगत में कोई शेर जीता है। सोचिए एक छोटे से घर में घर का मुखिया एक दिन न हो तो वह घर थम सा जाता है  और जिस देश में सैनिक न हो तो वह देश क्या कहलाता है ?


EK SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI

SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI

मैंने नई नई पोस्टिंग ज्वाइन की और ट्रेन से जॉइनिंग के लिए जा रहा था उसने देखा कि  उसके साथ बहुत सारे जवान हाथ पैर जोड़कर जा रहे थे  एक सीट एकदम खाली थी और सीट के नीचे दो बड़े-बड़े बक्से पड़े थे रमेश को कुछ समझ नहीं आया तो वह अपनी आंखें बंद करके सो गया 


 देर रात जब उसकी आंख खुली तो उसने एक आर्मी की वर्दी पहने एक जवान देखा जो उसी खाली सीट पर बैठा था और रमेश को एक मुस्कान के साथ देख रहा था उसे देखते ही रमेश थोड़ा घबरा गया और उठ कर बैठ गया रमेश ने जब उस लड़के से पूछा कि क्या वह सीट उसकी है तो उस लड़के ने आंखों के इशारे से कहा तब रमेश ने पूछा कि वो लड़का कौन है और लोग उसकी सीट पर आकर हाथ क्यों जोड़ रहे थे ?


 इस बात पर उस लड़के ने कोई जवाब नहीं दिया रमेश ने फिर पूछा और फिर वह लड़का एक मुस्कान है ये देखता रहा रमेश उस लड़के को पागल बोल कर लेट गया और जब उसने वापस उस सीट पर नजर घुमाई तो वहां कोई नहीं था रमेश को यह सब बहुत अजीब लग रहा था सारी रात में उस लड़के के बारे में सोच सोच कर सो नहीं पा रहा था और उसकी खाली सीट को घूरता रहा सुबह हुई और जब स्टेशन आया तो कुछ आर्मी ऑफिसियल उस लड़के की सीट के नीचे रख दो बच्चों को लेने आए रमेश से रहा नहीं गया और जब उसने बाकी लड़कों से पूछा तो उसके होश उड़ गए। 


 उन ऑफिसर ने बताया कि वह सीट ऑफिसर बाबा हरभजन सिंह की है जिनकी 1968 में मौत हो चुकी थी हरभजन सिंह ने 1966 में आर्मी ज्वाइन की थी और 2 साल बाद ही उनकी पानी में डूबकर ही मौत हो गई थी 3 दिन तक जब उनकी लाश नहीं  मिली तो बाकी फौज वालों ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया और एक रात वह अपने दोस्त के सपने में आए और उनका शव कहां मिलेगा वक्त आया जब आर्मी ने ढूंढा तो उसका शव उसी जगह से मिला


 तब से लेकर आज तक हरभजन सिंह फौजियों के सपनों में आकर उन्हें दुश्मन के प्लान के बारे में बता देते हैं इस तरह हो भारत-चीन बॉर्डर पर 40 साल से भारत की रक्षा करते आ रहे हैं कहते हैं रात में फौजियों की पैरा करते वक्त आप लग जाए तो हमें चाटा मारकर सतर्क करते हैं इतना ही नहीं इंडियन आर्मी भी इस बात को मानती है कि आत्मा अभी भी बॉर्डर पर ड्यूटी कर रही है उन्होंने कैप्टन का दर्जा और बाबा की आज भी दी गई है। 


 उनके नाम का एक मंदिर भी बनाया गया है जहां उनका एक कमरा है और उनका बिस्तर  और उनके जूते वहां रखे जाते हैं हर बार उनके कमरे की सफाई होती है तब उनके बिस्तर पर सिलवटें और जूतों पर  कीचड़ पाए जाते हैं। उन्हे हर साल घर जाने के लिए दो महीनों की छुट्टी भी दी जाती है 

BABA HARBHAJAN SINGH 
EK SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI

उनका सारा समान उनके गांव भेजा जाता है और उस समय सिक्किम के जवान हाई अलर्ट पर रहते हैं सब कुछ सुनकर रमेश दंग रह गया अपने बंकर  पहुंचते ही बाबा हरभजन सिंह के मंदिर गया जहां वह ट्रेन में हरभजन के साथ हुई उसकी मुलाकात के बारे में सोचने लगा और सोचते सोचते एकबार फिर  हरभजन सिंह की छवि उसके सामने आ गई EK SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI


दोस्तों इस SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI,SAINIK KI ATMAKATHA IN HINDI NIBHANDH,SAINIK ESSAY,ATMAKATHANIBHANDH,GHAYAL SAINIK KI ATMAKATHA,ESASAY ON SAINIK,SAINIKM PAR ESSAY,SAINIK PAR NIBANDH को आप अपने स्कूल के प्रयोग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं 


Comments

Popular posts from this blog

New Good morning messages in hindi - Make your morning delightful

Timeless Love Quotes to Melt Your Heart

Top 20 Akbar birbal stories in hindi- नई अकबर और बीरबल की मजेदार कहानिया